Posted by wp-admin on November 14, 2011 · Leave a Comment
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उत्तर प्रदेश में हस्तशिल्प उद्योग की अपार सफलताएं हैं और उत्तर प्रदेश अपनी परम्परागत शैली के कारण अपने हस्तशिल्प उद्योगों में विशिष्ट स्थान रखता है। मुख्यतः बनारसी शिल्प में ब्रोकेट, भदोही व मिर्जापुर में कालीन, लखनऊ में चिकन तथा आगरा का कलात्मक संगमरमर का सामान, मुरादाबाद तथा वाराणसी में पीतल के पात्र एवं सहारनपुर में नक्काशीदार लकड़ी स्टोन आदि की माँग अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अधिक है। देश के कुल निर्यात में हस्तशिल्प की सहभागिता लगभग 70 प्रतिशत हैं। एन0सी0ए0आई0आर0 द्वारा वर्ष 1995-96 में कराये गये सर्वेक्षण के आधार पर दिसम्बर 1997 में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 2,83,804 इकाईयों में 11,76,529 शिल्पी कार्यरत हैं। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 25 लाख हस्तशिल्पी अनुमानित है। उपरोक्त सर्वेक्षण में अनुमानित उत्पादन 1800 करोड़ एवं उत्पादन लागत रू0 800 करोड़ अनुमानित है। राज्य सरकार ऐसे हस्तशिल्प उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए अनावरत रूप से प्रत्यनशील रही है तथा इसके समुचित विकास हेतु योजनाबद्व रूप से निम्न योजनाएं संचालित करवाई जा रही हैं।