U P Hastkala

Urena Craft

उस समय मैं थर्मोडायनामिक इंजिनियरिंग कंपनी में कार्यरत था ब्यालर सही करने के लिए मुझे कुशी नगर शहर जाना पड़ा, कुशी नगर एक बौध दार्शनिक स्थल है! वहाँ पर सात दिन रुकने का समय मिला और इसी समय मैने पूरा कुशी नगर भ्रमण किया और वहाँ पर हस्त कला के एक से एक अच्छी कला कृतियाँ देखी जो की वहाँ पर अच्छे दामों पर बेची जा रही थी! तभी मेरे मन में विचार आया क्यों ना हम अपने पूर्वजों की धरोहर को आगे बढ़ाएँ! हमारे दादा जी के बड़े लड़के मिट्टी की मूर्तियाँ बनाया करते थे, उन्हे देख कर मुझे लगा क्यों ना उन मूर्तियों में कुछ नया किया जाए इस लिए मैने दो वर्ष तक प्रायोगिक तौर पर डिजाइन और निर्माण कार्य सीखा एवं इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश व्यापार प्रोत्साहन प्राधिकरण विभाग को दी! इस सब देख कर उन्होने मुझे प्रदर्शनी में भाग लेने का मौका दिया इस प्रदर्शनी में मेरा सभी उत्पाद बिक गये मैं बहुत प्रसन्न था की मेरा पूरा माल बिक चुका था!

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