वर्कशाप योजना
उत्तर प्रदेश से कुल निर्यात में हस्त शिल्प उद्योग क्षेत्र की सहभागिता 60 प्रतिशत से अधिक है परन्तु सभी उत्पाद परम्परागत डिजाइनों तक सीमित एवं उन पर आधारित हैं। जिन्हें निरन्तर विकसित हो रही माँग के अनुरूप बनाये जाने की आवश्यकता है। इस उददेश्य की पूर्ति हेतु ही प्रमुख हस्तशिल्प ट्रेडों में डिजाइन वर्कशाप का आयोजन किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत नियमित एवं स्पासंर्ड वर्कशाप आयोजित कराने का मुख्य उददेश्य रहता है। यह योजना प्रदेश के ऐसे प्रमुख हस्तशिल्प क्षेत्रों में, जहाँ हस्तशिल्पियों द्वारा निर्यात योग्य उत्कृष्ट कला कृतियां बनाई जा रही हैं, संचालित की जा रही है। वर्तमान में प्रमुख हस्तशिल्प बाहुल्य क्षेत्र वाराणसी, गोरखपुर, भदोही, मिर्जापुर, लखनऊ, आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर, मेरठ, खुर्जा (बुलन्दशहर), गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, रामपुर, इत्यादि है। इस योजनान्तर्गत वही पात्र होते हैं जो हस्तकला/निर्यात से सम्बद्ध उत्पादों में अनुभव रखते हैं। इसमें किसी शैक्षिक योग्यता एवं आयु का प्रतिबन्ध नहीं होता है किन्तु वर्कशॉप में ऐसे ही व्यक्तियों को लिया जाता है जो नई डिजाईनों के विकास एवं उन्हें अपनाने में रूचि रखते हैं अथवा जिन्हें निर्यातक प्रायोजित करते हैं एवं वर्कशॉप की अवधि तक वे उनके नियमित कर्मचारी बने रहते हैं तथा वर्कशाप के समापन के पश्चात् संबंधित निर्यातक उन्हें अपने से पूर्ववत् रखते हैं ।
योजनान्तर्गत कुल 12 प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कराये जाते हैं। योजनान्तर्गत प्रति कार्यक्रम में 20 प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करवाया जाता है। इस प्रकार प्रति वर्ष कुल 240 प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2007-08 से चालू वित्तीय वर्ष 2011-12 तक कुल 1200 प्रशिक्षार्थी प्रशिक्षित हो चुके हैं। चालू वित्तीय वर्ष में निम्न जनपदों में प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करवाये गये हैं:- झाँसी (पीतल कला) गोरखपुर (पाटरी) आजमगढ़ (बनारसी साड़ी) बुलन्दशहर (खुर्जा) (पाटरी) ललितपुर (साड़ी टैक्सटाईल) रामपुर (पैच वर्क जरी) गाजियाबाद (वुड कार्विंग) कानपुर नगर (लेदर क्राफ्ट) फर्रूखाबाद (जरी जरदोजी) मिर्जापुर (कालीन) सन्तरविदास नगर (भदोही) (कालीन) कन्नौज (जरी ज़रदाजी)।